Paryavaran Shlokmala

BK00877

New product

भारतीय पौराणिक ग्रंथों में पर्यावरण और उसकी रक्षा के विषय में उत्तम और महत्त्वपूर्ण जानकारी है । वृक्षों के औषधीय गुण और उनका महत्त्व भी ग्रंथों में है । इस प्रकार के श्लोक बोधिसत्वने खोजे । इन्ही श्लोकों का परिचय आपको इस पुस्तक में पढने को मिलेगा ।

More details

₹ 190 tax incl.

More Info

बोधिसत्व खंडेरावने छह साल की उम्र में सामाजिक वनीकरण कार्य की पहल की।
विभिन्न प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों, कॉलेजों, स्वयं सहायता समूहों, ग्राम पंचायतों, ग्रीष्मकालीन शिविरों, एनसीसी और एनएसएस शिविरों, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों आदि में जाकर पांच सौ से अधिक सामाजिक वानिकी कार्यशालाओं का आयोजन किया।
बोधिसत्वने सामूहिक वनरोपण की रैंप्ड सीडबॉल मेथड, ग्रीन पाऊच मेथड, पर्ण-बीज मेथड, मँजिक साँक्स मेथड यह चार नई विधियाँ विकसित की । इन पद्धतीयों द्वारा, हजारों विद्यार्थियों के साथ वनीकरण का प्रयास किया।
उनका नाम 'सबसे कम उम्र के पर्यावरण कार्यकर्ता' 'द यंगेस्ट एन्व्हायरमेंटल अँक्टिव्हिस्ट' के रूप में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है |
भारतीय पौराणिक ग्रंथों में पर्यावरण और उसकी रक्षा के विषय में उत्तम और महत्त्वपूर्ण जानकारी है । वृक्षों के औषधीय गुण और उनका महत्त्व भी ग्रंथों में है । इस प्रकार के श्लोक बोधिसत्वने खोजे । इन्ही श्लोकों का परिचय आपको इस पुस्तक में पढने को मिलेगा ।

लेखक के बारे में :
बोधिसत्व खंडेरावने छह साल की उम्र में उन्होंने सामाजिक वनीकरण कार्य की पहल की।
नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने बोधिसत्व के पर्यावरण संबंधी कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म का निर्माण और प्रसारण किया।
: सिंगल यूज प्लास्टिक से बचने के लिए 'कैरी योर ओन ग्लास' आंदोलन शुरू किया। इसके तहत कई विद्यार्थियों को छोटे स्टेनलेस स्टील के गिलास बांटे गए।
: पर्यावरण के अनुकूल अनाज साफ करने वाली मशीन का आविष्कार किया; जो बिना किसी ईंधन का उपयोग किए एक घंटे में 100 किलोग्राम अनाज साफ करती है।

Features

PublisherSakal Prakashan
AuthorBodhisatva Khanderao
LanguageHindi
ISBN9788119311620
BindingPaperback
Pages90
Publication Year26/01/2024
Dimensions5.5 x 8.5

Reviews

Write a review

Paryavaran Shlokmala

Paryavaran Shlokmala

भारतीय पौराणिक ग्रंथों में पर्यावरण और उसकी रक्षा के विषय में उत्तम और महत्त्वपूर्ण जानकारी है । वृक्षों के औषधीय गुण और उनका महत्त्व भी ग्रंथों में है । इस प्रकार के श्लोक बोधिसत्वने खोजे । इन्ही श्लोकों का परिचय आपको इस पुस्तक में पढने को मिलेगा ।